Microwave क्या होता है, किसने की खोज
माइक्रोवेव (microwave) आज के दौर में लगभग हर घर में मिल जाएगा। लेकिन बहुत कम लोग जानते होंगे कि भोजन को गरम करने वाली इस मशीन का आविष्कार महज एक संयोग था। इसका आविष्कार अमेरिकी अभयता पसी स्पेंसर ने किया था। एक दिन वह अपनी कंपनी में रडार सेट पर कर रहे थे। उस दौरान उन्होंने देखा किरद्वार से निकलती किरणों के कारण उनकी जेब में रखी चॉकलेट पिघलना शुरू हो गई थी।
अपनी जिज्ञासा को खोज में बदलने से पहले उन्होंने कई प्रकार की भोजन सामग्री के साथ यह प्रयोग करके देखा। कई दिनों के अध्ययन के बाद स्पेंसर ने पाया कि मशीन से निकलने वाली ऊर्जा के संपर्क में आने से खाद्य पदार्थ गरम हो रहे थे। उन्होंने एक आयताकार (रैक्टेगुलर) बॉक्स बनाने का फैसला किया, ताकि निर्धारित क्षेत्र के बाहर ऊर्जा न निकल सके। सपेंसर ने इस बात का भी विशेष ध्यान रखा कि माइक्रोवेव की मदद से लोग भोजन के तापमान को आसानी से क्रम या बढ़ा सके।
Microwave क्या होता है, किसने की खोज
पर्मों स्पेंसर ने स्पेंसर ने 1945 में माइक्रोवेव(microwave) कुकिंग ओवन के लिए एक पेटेंट दायर किया। इसके बाद सन 1947 में बोस्टन के एक रेस्तरों में पहले व्यावसायिक माइक्रोवेव ओवन का परीक्षण किया गया था। उस समय माइक्रोवेव लगभग 1.8 मीटर लंबा और करीब 340 किलोग्राम यजनी था। कहते हैं कि तब इसको कीमत लगभग 5,000 यूएस डॉलर थी।
समय के साथ खाने को गरम करने वाली इस मशीन में कई बदलाव आते गए। ज्यादातर लोगों का मानना है कि माइक्रोवेव में रखा खाना अंदर से बाहर तक पकता है, यह सच नहीं है। इससे खाना बाहर से अंदर की ओर पकता है। जब माइक्रोवेव चालू होता है तो भोजन या तरल पदार्थ उसमें से निकलने वाली किरणों को अवशोषित करता है और आसानी से गरम हो जाता है।
माइक्रोवेव में खाना गरम करने के लिए भोजन में पानी की कुछ मात्रा जरूर होनी चाहिए। कुछ लोगों का मानना है कि माइक्रोवेव में खाना पकते देखना खतरनाक होता है, जबकि ऐसा नहीं है। कांच की खिड़की में लगी जाली, किरणों को तुम तक पहुंचने से रोकती है। कहते कहूँ कि एक बार नासा ने भी अंतरिक्ष में संचार के लिए माइक्रोवेव तकनीक का उपयोग किया था। पहले माइक्रोवेव की पानी से ठंडा किया जाता था. लेकिन बाद में हवा से ठंडा किया जाने लगा।
कुछ लोगों का भी मानना है कि माइक्रोवेव में खाना पकाने से विटामिन और खनिज जैसे पोषक तत्व कम हो जाते हैं या नष्ट हो जाते हैं। माइक्रोवेव के आविष्कारक पसी स्पेंसर 76 वर्ष तक जीवित रहे। अपने अधिकांश जीवन में माइक्रोवेव के आसपास काम करने पर भी उन्हें स्वास्थ्य संबंधी कोई समस्या नहीं हुई थी।
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