क्यों होती है चमगादड़ों की पूजा
इस गांव का नाम है सरसई (रामपुर रत्नाकर), जो वैशाली जिले के राजापाकड़ प्रखंड में पड़ता है। यहां के लोग चमगादड़ों को 'ग्राम देवता' के रूप में मानते हैं और उनकी पूजा करते हैं। वह इन्हें संपन्नता का प्रतीक मानते हैं। उनका मानना है कि जिस इलाके में चमगादड़ निवास करते हैं, वहां धन की कोई कमी नहीं होती है।
क्या है इनकी मान्यता
सरसई गांव के लोगों का यह भी मानना है कि यहां निवास करने वाले चमगादड़ उनके पूरे गांव की रक्षा करते हैं और साथ ही उनके ऊपर किसी तरह की विपत्ति नहीं आने देते हैं। यहां तक कि ये उन्हें किसी भी तरह की महामारी से भी बचाते हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि गांव में कोई भी शुभ कार्य करने से पहले लोग चमगादड़ों की पूजा करते हैं, ताकि सब सही-सही से हो सके।
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